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# परों को खोल जमाना , उड़ान देखता | Hindi शायरी

परों को खोल जमाना , उड़ान देखता है 
जमीन पर बैठ के , क्या आसमान देखता है ।
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परों को खोल जमाना , उड़ान देखता है जमीन पर बैठ के , क्या आसमान देखता है । #apjabdulkalam #kalamsir #missileman #शायरी

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