2 212 2212 1 2 लहरों की भी ज़िद ये अजीब है जाना किनारे के करीब है आगोश में है बिखरना उसे दिल मे बसा वो इक रकीब है दरिया दिली है ये समंदर की कैसा फ़रेबी ये नसीब है लहरें भी कैसी मनचली है महबूब तेरा क्यू नजीब है तू इश्क की गहराई ना समझे यूँ टूटना तेरा नसीब है Love of ocean with waves