#कू_२३८ सूरज डूबा, चांद ने चांदनी बिछाई। आंखे हुई बोझल, निदिया ने है आवाज लगाई। सरकार बदन है थकान से चूर चूर सपनो की रानी है बुलाने आई। अब तो चलो सोते हैं सपनो में खोते हैं रात रागनी मिलने जो आई। #सरकार_गोरखपुरी ©SARKAR GORAKHPURI #Rose