ऐ रूठे हुए दोस्त मुझे बस इतना बता दे, क्या मुझसे गले मिलने का अब मन नहीं होता, बच्चों की तरह दौड़ कर आ सीने से लग जा मेरे, ये ईद का दिन है,इस दिन कोई दुश्मन नहीं होता. ईद मुबारक ! दिलो का जुड़ना ही ईद है#