अब ना कोई गिला ना कोई ग़म है। बरसों का इंतज़ार भी अब ख़त्म है। क्या हुआ अकेला रह गया दुनियां की भीड़ में। वो ख़ुश हैं अपनों के साथ ये क्या कम है। उनके जाने पर भी हम ना रो सकें जी भर के। वो बोली अगर रोये तो मेरी कसम है। उनके आने से घर में फैली थी रौनक। उनके जाने से हर तरफ पसरा मातम है। सब कोई ख़ुश है अपनी- अपनी ज़िन्दगी में। किसे परवाह किस हाल में हम है। ---दिलीप--- #खत्म_हुआ_इंतजार