मेरे प्यारे दोस्तों
अमूमन हमसभी की ये कॉमन आदत होती है कि हम किसी रचना को बिना पढ़े, बिना सुने लाइक्स/कमेंट करके, आगे दूसरे किसी पोस्ट पर बढ़ चलते हैं, इसके पीछे का मनोविज्ञान कारण यह हो सकता है कि हमारी सोंच होती है कि हम जितने ज़्यादा लोगों की posts पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, हमारी पहुँच उतनी ज़्यादा होगी। जिससे हम ज़्यादा से ज़्यादा likes, खुद के लिए बटोर पाएंगे।"
पर, क्या यह सोंच सही है? नहीं, बिल्कुल भी नहीं! जबतक हमारी कलम में धार नहीं होगी, हमारी लेखन शैली पॉलिस नहीं होगी हम स्वर्ण से चमक #TalkOnline