#5LinePoetry कफन बेचते अब कप्कपारहे दुकानदार के हाथ,वो बिलक्ती ,बेचैन सी सांसें क्या कोई करपाएगा इन सब का इन्साफ। शमशान भी तो मुब्तेला है राखों से और देखो ना जलरहा है मेरा मुल्क लाशों से। पल भर मे औरतें विधवा,बच्चे अनाथ होरहे है,जवान बच्चों को मरता देख माँ बाप खून के आँसू रोरहे है। हस्ते खेलते घर उजड रहे है,पर राज गद्दी के लोग आराम से अपने घरों मे खुशी खुशी रहेरहे है और सुकून की नीन्द सोरहे है। मेरे भारत देश की अवाम घुट घुट कर मररही है,और बेचैन सी सांसें सांसों को तरस रही है। ©soldier of god 😥 i wrote this with tears in my eyes #5LinePoetry #covid19 #feelings #Life_experience #quotes