लगता रहता है डर न जाने मेरी मोहब्बत का क्या अंजाम होगा मोहब्बत हो गई है राजपूत की बेटी से ना जाने किस महफिल में जिंदगी की आखरी शाम हो जाए। _jha aditya_ #hert broken#