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आलीशान बंगले में रौनक़ थी कभी अब कबूतर भी बचते हैं

आलीशान बंगले में रौनक़ थी कभी
अब कबूतर भी बचते हैं पास जाने से

वक़्त की कहर से बचा नहीं है कोई
कोई फायदा न होगा, वक़्त से टकराने से

©Kamlesh Kandpal
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