Nojoto: Largest Storytelling Platform

कोई ये लाख कहे मेरे बनाने से मिला हर नया रंग ज़मान

कोई ये लाख कहे मेरे बनाने से मिला
हर नया रंग ज़माने को पुराने से मिला,

उसकी तकदीर अंधेरों ने लिखी थी शायद
वो उजाला जो चिरागों को बुझाने से मिला,

फिक्र हर बार खामोशी से मिली है मुझको
और ज़माना ये मुझे शोर मचाने से मिला,

और लोगों से मुलाकात कहां मुमकिन थी
वो तो खुद से भी मिला है तो बहाने से मिला,

मदन मोहन 'दानिश'

©Khan Sahab #लोगों_से_मुलाक़ात_कहां_मुमकिन..
 hindi poetry on life
 love poetry in hindi
कोई ये लाख कहे मेरे बनाने से मिला
हर नया रंग ज़माने को पुराने से मिला,

उसकी तकदीर अंधेरों ने लिखी थी शायद
वो उजाला जो चिरागों को बुझाने से मिला,

फिक्र हर बार खामोशी से मिली है मुझको
और ज़माना ये मुझे शोर मचाने से मिला,

और लोगों से मुलाकात कहां मुमकिन थी
वो तो खुद से भी मिला है तो बहाने से मिला,

मदन मोहन 'दानिश'

©Khan Sahab #लोगों_से_मुलाक़ात_कहां_मुमकिन..
 hindi poetry on life
 love poetry in hindi