एतबार तेरी मासूमियत पर कम नहीं हमें.. वजह थी यही तेरी खामोशी से यूं सहमे।। तुझे जिन कंधों पर दुनिया दिखायी, उन्हीं पर आज तू इतनी शांत आयी।।। माना हमने तू उड़ना चाहती है, इस भीड़ मे भी अकेले सभंलना जानती है।। तेरी ख्वाबों के आगे इतना मजबूर हुआ, कैसे बयां करू.. हर बेटी की लाश देख.. तेरे पा का दिल कितना चूर हुआ #beti#papa#poem#kavita#poet