हमारी दोस्ती मिशाल बनकर रहेगी, हम ये वादा किए थे। ज़िन्दगी के हर मोङ पर एक-दूसरे के साथ रहेंगे, हम ये वादा किए थे। जब वक्त आया इंतहान का, तो दोनों ही झूठे निकले। मैंने तुझे माफ किया, तेरी इस नादानी को समझकर। फिर भी तुझपर विश्वास किया, तुझे अपना दोस्त समझकर। जब मुझे तेरी ज़रूरत पङा , तो दोनों ही झूठे निकले। Amarjeet Kumar