राघव और सुजाता के चर्चे हर। जगह हो। रहे थे,एक दिन राघव गांव के बाहर पीपल के छाव में बैठा। सुजाता का इंतजार कर रहा था।घंटों इंतजार करने के कारण राघव बेचैन नजर आने लगा था। उधर सुजाता भी राघव से मिलने के लिए बेचैन थी,लेकिन करती भी क्या... गुरुवार का दिन था, सुजाता की मां सत्यनारायण भगवान का कथा करने के लिए पंडित जी को बुलाई थी। गांव के सभी बूढ़े-बुजुर्ग पंडित जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 3 घंटे इंतजार के बाद पंडित जी आएं... ...उधर राघव गुस्से से सुजाता के इंतजार में आग बबूला हो रहा था । इधर अचानक पंडित जी को देखकर सुजाता की मां बोली... .पंडित जी प्रणाम ! और चरण स्पर्श करते हुए बोली लोग घंटों से भूखे आपका इंतजार कर रहे हैं। फिर मां सुजाता से बोली ... बेटी जल्दी से फल और पूजा का सभी सामान लाकरपंडित जी के पास रख दो। सुजाता बुझे मन से सभी सामान लाकर पंडित जी के सामने रख दी....... उधर राघव सुजाता से नाराज बूदबुदाते हुए गांव की ओर चल पड़ा और सुजाता के घर के सामने वाले कुंए पर खड़ा आसमान की ओर देख रहा था.... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""'''"' आगे भाग ..2.. लातार पढ़ें प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021...90... #Unframed """""""""""""""""""""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...90... भाग....एक #DearCousins