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#राजा_जाम_दिग्विजयसिंह_जाडेजा_और_पोलेंड दूसरे विश

#राजा_जाम_दिग्विजयसिंह_जाडेजा_और_पोलेंड

दूसरे विश्व युद्ध के समय , #पोलेंड पुरी तरह तबाह हो गया था , सिर्फ औरते और बच्चे बचे थे बाकी सब वहां के पुरुष युद्ध मे मारे गए थे , पोलेंड की स्त्रियों ने पोलेंड छोड़ दिया क्योंकि वहां उनकी इज्जत को खतरा था , तो बचे खुचे लोग और बाकी सब महिलाए व बच्चे से भरा जहाज लेकर निकल गए , लेकिन किसी भी देश ने उनको शरण नही दी , फिर यह जहाज भारत की तरफ आया वहां गुजरात के #जामनगर के तट पर जहाज़ रुका , तब वहां के #राजा_जाम_दिग्विजयसिंह_जाडेजा उनकी दिन हीन हालत देखकर उन्हे आश्रय दिया ।।

जानते हो ये पोलेंड वाले जाम नगर के #महाराजा_दिग्विजयसिंह_जाडेजा के नामपर क्यो शपथ ले रहे है ? 

 क्या जानते हो आज युक्रेन से आ रहे भारत के लोगो को पोलेंड बिना वीजा के क्यो आने दे रहा  अपने देशमे??

न केवल आश्रय दिया अपितु उनके बच्चों को आर्मी की ट्रेनिग दी , उनको पढ़ाया लिखाया  ,बाद मे उन्हें हथियार देकर पोलेंड भेजा जहा उन्होंने जामनगर मिली आर्मी की ट्रेनिग से देश को पुनः स्थापित किया , आज भी पोलेंड के लोग उन्हें अन्नदाता मानते है , उनके संविधान के अनुसार जाम दिग्विजयसिंह उनके लिए ईश्वर के समान हे इसीलिए उनको साक्षी मानकर आज भी वहां के नेता संसद में शपथ लेते है ,  यदि भारत मे दिग्विजयसिंहजी का अपमान किया जाए तो यहां की कानून व्यवस्था में सजा का कोई प्रावधान नही लेकिन यही भूल पोलेंड में करने पर तोप के मुह पर बांधकर उड़ा दिया जाता है ।।

आज भी पोलेंड जाम साहब के उस कर्म को नही भुला इसलिए आज भारत के लोगो को बिना वीजा के आने दे रहा है उनकी सभी प्रकार से मदद कर रहा है ।।  

क्या भारत के इतिहास की पुस्तकों में कभी पढ़ाया गया दिग्वजसिंहजी को ?? यदि कोई पोलेंड का नागरिक भारतीय को पूछ भी ले कि क्या आप जामनगर के महाराजा दिग्वजसिंहजी को जानते हो तो हमारे युक्रेन में डॉक्टर की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र कहेगे नो एक्च्युलिना No , we don't know who they were?  
थू है ऐसी शिक्षा व्यवस्था पर अपने ही जड़ो से काटकर रख दिया है हमे ।। 🙏🏼साभार🙏🏼

दिनांक - ०४.०३.२०२२
---#राज_सिंह---

©Raju Mandloi समाज
#राजा_जाम_दिग्विजयसिंह_जाडेजा_और_पोलेंड

दूसरे विश्व युद्ध के समय , #पोलेंड पुरी तरह तबाह हो गया था , सिर्फ औरते और बच्चे बचे थे बाकी सब वहां के पुरुष युद्ध मे मारे गए थे , पोलेंड की स्त्रियों ने पोलेंड छोड़ दिया क्योंकि वहां उनकी इज्जत को खतरा था , तो बचे खुचे लोग और बाकी सब महिलाए व बच्चे से भरा जहाज लेकर निकल गए , लेकिन किसी भी देश ने उनको शरण नही दी , फिर यह जहाज भारत की तरफ आया वहां गुजरात के #जामनगर के तट पर जहाज़ रुका , तब वहां के #राजा_जाम_दिग्विजयसिंह_जाडेजा उनकी दिन हीन हालत देखकर उन्हे आश्रय दिया ।।

जानते हो ये पोलेंड वाले जाम नगर के #महाराजा_दिग्विजयसिंह_जाडेजा के नामपर क्यो शपथ ले रहे है ? 

 क्या जानते हो आज युक्रेन से आ रहे भारत के लोगो को पोलेंड बिना वीजा के क्यो आने दे रहा  अपने देशमे??

न केवल आश्रय दिया अपितु उनके बच्चों को आर्मी की ट्रेनिग दी , उनको पढ़ाया लिखाया  ,बाद मे उन्हें हथियार देकर पोलेंड भेजा जहा उन्होंने जामनगर मिली आर्मी की ट्रेनिग से देश को पुनः स्थापित किया , आज भी पोलेंड के लोग उन्हें अन्नदाता मानते है , उनके संविधान के अनुसार जाम दिग्विजयसिंह उनके लिए ईश्वर के समान हे इसीलिए उनको साक्षी मानकर आज भी वहां के नेता संसद में शपथ लेते है ,  यदि भारत मे दिग्विजयसिंहजी का अपमान किया जाए तो यहां की कानून व्यवस्था में सजा का कोई प्रावधान नही लेकिन यही भूल पोलेंड में करने पर तोप के मुह पर बांधकर उड़ा दिया जाता है ।।

आज भी पोलेंड जाम साहब के उस कर्म को नही भुला इसलिए आज भारत के लोगो को बिना वीजा के आने दे रहा है उनकी सभी प्रकार से मदद कर रहा है ।।  

क्या भारत के इतिहास की पुस्तकों में कभी पढ़ाया गया दिग्वजसिंहजी को ?? यदि कोई पोलेंड का नागरिक भारतीय को पूछ भी ले कि क्या आप जामनगर के महाराजा दिग्वजसिंहजी को जानते हो तो हमारे युक्रेन में डॉक्टर की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र कहेगे नो एक्च्युलिना No , we don't know who they were?  
थू है ऐसी शिक्षा व्यवस्था पर अपने ही जड़ो से काटकर रख दिया है हमे ।। 🙏🏼साभार🙏🏼

दिनांक - ०४.०३.२०२२
---#राज_सिंह---

©Raju Mandloi समाज
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Raju Mandloi

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