ठिठुरती पावनता का टुकड़ा हवस की ठंड मे दम तोड़ चुका है कोई आवाज नही हुई और ना होगी क्यूंकि ठंड तो सबको लगती है और ये मौसम देर तक चलेगा समाज,रिवाजों से सहमा हुआ बचपन जवानी आने तक जुटा रहा होगा अपने हिस्से का खौफ फ़िर कोई हक़ीकत धीमी करेगी हमारी चाय की चुस्कियां पर शायद इस बात से चाय छ्ल्केगी नही खुद से उम्मीद है वैसा ना होने की तभी हर कोई उम्मीद छोड़ रहा है #justice_for_priyanka