एक नयन जिनको देख,जन बुत बन जाते, वक़्त की एक करवट से आज खुदको बुत समजते। क़िसमत दखेल तूमको ला रही ध्रातल पर,पर तुम भाँति उस अंकुर के,पछाड़ वक़्त को,विशाल बट वृक्ष बन जाना।। साँझ को सूर्य को देख अंत न समझना,तुम भाँति उस सूर्य के,काल चक्र को पछाड़ भोर की किरण बन जाना।। लहर कसती से टकराये, कसती लगे डगमगाए, तुम भाँति उस मल्लहा के,लेके साथ लहर को,मंज़िल तक सबको पोहचाये।। तुम भाँति उस दीपक में प्रजुलित लोह-बाती के, जिसे झोखा चला बुजाने, बाती लाडे बिना हार न माने।। तुम गिरतीं, फिर उठती, फिर मायूस सी होती, साथ पाकर अपनो का हौसले बुलन्द बनाये रखना।।।। #NojotoQuote life #nojotohindi #nojotonews #nojotocomedy #nojotolove #2liner