नागफनी ख़ूबसूरत नहीं है, उसकी पत्तियाँ गुलाब की पत्तियों-सी तराशी हुई नहीं हैं, उसके काँटे गुलाब के काँटों की तरह कम नुकीले नहीं हैं, उसके फूल गुलाब के फूलों की तरह बहुत ख़ूबसूरत नहीं हैं, उसे गुलाब की तरह सहेजा नहीं जाता, क्योंकि नागफनी ख़ूबसूरत नहीं है... जब भी कभी रेगिस्तान की ओर से आयी हुई धूप किसी छोटे-से गमले में रोप दिए गए नागफनी के पौधे की बेतरतीब पत्तियों पर बरसती है, तो उस धूप में घुल जाता है उसके काँटों में उलझा एक सवाल - 'क्या इतना ज़रूरी है ख़ूबसूरत होना ?' - ©अनुपमा विन्ध्यवासिनी #नागफनी #ख़ूबसूरत नहीं है..... - ©अनुपमा विन्ध्यवासिनी #writingsofanupma #anupmavindhyavasini #hindikavita #poetry