सुनो, रुको, बैठो इतने बेचेंन कियो हो सांस लम्बी सी, थोड़ा ले तो लो पल दो पल के, ख्वाब बुन तो लो पल दो पल के, थोड़े जी तो लो बीते गुजरे कल को, जाने भी दो आने भी दो ,कुछ पल प्यार के कुछ पल साथ के ,बात के जी भी लो चींता कल की जाने भी दो हाथ तुम साथ का, प्यारे आज का हाथ थाम तो लो धीमी हवा आज की, प्यारे गणतंत्र की महसूस कर तो लो सुनो रुको बैठो कुछ पल जी तो लो गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं जय हिंद ©prahlad singh आज को थोड़ा थाम तो को