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अंधेरा उन्माद में हो कितना भी, भौर के होने में भी

अंधेरा उन्माद में हो कितना भी, 
भौर के होने में भी, नहीं संशय हैं
 अस्त होकर, पुनः होना हैं उदित
    स्वयं सूर्य का भी यही निश्चय हैं 
(corona  से डरो ना)
     लोकेंद्र की कलम से ✍️ #Morning#लोकेंद्र की कलम से
अंधेरा उन्माद में हो कितना भी, 
भौर के होने में भी, नहीं संशय हैं
 अस्त होकर, पुनः होना हैं उदित
    स्वयं सूर्य का भी यही निश्चय हैं 
(corona  से डरो ना)
     लोकेंद्र की कलम से ✍️ #Morning#लोकेंद्र की कलम से