चिराग़ रोशन थे जो यारी के अब ढलने लगे हैं। वादे मेरी खुद्दारी के अब ख़लने लगे हैं। चन्द लकीरें तरक्की की मेरे माथे पे क्या पड़ी। जो कल तक साथ थे मेरे, अब जलने लगे हैं।। #zaheen #zaheenshayri #zaheenquotes #drzaheen #dostiyaari #together #lifequotes #zindagishayri