बेमान बड़ा ये इश्क जनाब सोच समझ कर कीजेगा। सूली पर टांग के बुद्धि को दिल को राह न दिजेगा। क्यों तुले है होश गवाने पर? कुछ न होगा पछताने पर! हां, अगर तड़प की कसक लगी तो इश्क दोबारा कीजेगा। (अनुशीर्षक में पढ़े) बेमान बड़ा ये इश्क जनाब सोच समझ कर कीजेगा। सूली पर टांग के बुद्धि को दिल को राह न दिजेगा। दिल की मान लिए ही जो और ख्वाब का फंदा पड़ गया तो खोई आंखों पर ऐनक डाल