एक दौर था जब ख्वाब जवां होते थे, दिल में उम्मीदों के चिराग जलते थे। चाँद तारों को छूने की तमन्ना थी, हर सुबह नयी कहानी बुनने की चाहना थी। एक दौर था जब मुस्कान सच्ची होती थी, आंखों में शरारत, हंसी में मिठास होती थी। दोस्ती का हर रिश्ता बेमिसाल था, जैसे हर दिल के पास वफ़ा का कमाल था। एक दौर था जब वक्त धीरे बहता था, बचपन का हर पल खजाने सा लगता था। मिट्टी की खुशबू, बारिश की बूंदें, दिल को हर घड़ी कुछ नया कहती थीं। पर अब, वो दौर कहीं पीछे छूट गया, सपनों का जहान वक्त में घुट गया। भागती दुनिया में, ठहराव खो गया, शायद वो मासूमियत कहीं सो गया। पर यादों के दरीचों में वो बसेरा है, जो आज भी दिल को सुकून का बसेरा है। एक दौर था, और शायद फिर आएगा, दिल के वीराने में उम्मीद का फूल खिलाएगा। ©Avinash Jha #OldDays