कितनी देर लगती है,रिश्ते को मिटाने में। पल भर में मन का पौधा मुरझा जाता है, इक क्रोध का झोंका,जड़ें उखाड़ देता है। कितनी देर लगती है ,मिट्टी में मिलाने में। कितनी देर लगती है,रिश्ते को बनाने में, सालों बीत जाते हैं,विश्वास को जमाने में, 'नेह' से सींचना होता है,सब्र के बाद फल मीठा होता है। कितनी देर लगती है, रिश्ते के फल को पकाने में। वक़्त के बदलने में आदमी को ढलने में किसी के खोने में किसी के मिलने में कितनी देर लगती है? #कितनीदेर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi