इसको मारा उसको पीटा, इधर घसीटा उधर घसीटा संघी था या था वो वामी, जाने केवल अंतर्यामी किसने लट्ठ यहाँ चलवाया, या जादू से खुद लगवाया राम जी करें लीला न्यारी, चाकू छुरी पढ़े नर नारी स्टूडेंट भई बानर सेना, मारपीट से क्या है लेना गंगा स्नान को चलें भाई, पढ़ लिख करते मार कुटाई बड़ेपुण्य का काम करोगे,ताला तुम अलिगढ़ी जड़ोगे टनटा जीवन का मिट जाए, दंगाई अपने घर आएं jnu कांड