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अन्न भरे भण्डार है, भूख प्यास अपार है ? सबकी बनी ह

अन्न भरे भण्डार है, भूख प्यास अपार है ?
सबकी बनी है सरकारें, हाल यही हर बार है !!

भूखे देश एक सौ सात है, चौरानवे नंबर हमार है !
अक्ल की कमी नहीं, नीयत ही बेकार है !!

किसान कर्ज दार है, मेहनत बेशुमार है !
कम दामी बाजार है, खुदकशी का द्वार है !!

मजूर बेरोजगार है, मालिक घर बहार है !
अपराधी तरमतार है, बुद्धिजीवी बेज़ार है !!

अपराधी उम्मीदवार है, स्वार्थ भरा संसार है !
दबा दुबका जनहित है, स्वहित हर घर द्वार है !!

बड़े बड़े प्रश्न खड़े है, उत्तर की दरकार है !
जन में ड़र है नेता का, वो इस कदर खूंखार है !!

एक जुट सब हो जाओ, गीता का यही सार है !
सर उठाके जीने के, हम सब भी हकदार है !!

- आवेश हिन्दुस्तानी 18.10.2020

©Ashok Mangal जनहित की कविता - 5
#hungerindex 
#hunger #AaveshVaani
#JanMannKiBaat
#worldpostday
अन्न भरे भण्डार है, भूख प्यास अपार है ?
सबकी बनी है सरकारें, हाल यही हर बार है !!

भूखे देश एक सौ सात है, चौरानवे नंबर हमार है !
अक्ल की कमी नहीं, नीयत ही बेकार है !!

किसान कर्ज दार है, मेहनत बेशुमार है !
कम दामी बाजार है, खुदकशी का द्वार है !!

मजूर बेरोजगार है, मालिक घर बहार है !
अपराधी तरमतार है, बुद्धिजीवी बेज़ार है !!

अपराधी उम्मीदवार है, स्वार्थ भरा संसार है !
दबा दुबका जनहित है, स्वहित हर घर द्वार है !!

बड़े बड़े प्रश्न खड़े है, उत्तर की दरकार है !
जन में ड़र है नेता का, वो इस कदर खूंखार है !!

एक जुट सब हो जाओ, गीता का यही सार है !
सर उठाके जीने के, हम सब भी हकदार है !!

- आवेश हिन्दुस्तानी 18.10.2020

©Ashok Mangal जनहित की कविता - 5
#hungerindex 
#hunger #AaveshVaani
#JanMannKiBaat
#worldpostday
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Ashok Mangal

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