मै तलाश रहा हूँ, एक "चरित्रहीन" औरत !! पर मै हैरान हूँ...वो मुझे आज तक मिली नही, ऐसा नहीं है कि, मैने उसे सही से तलाशा नही, मैं गया था... मैं उन तमाम औरतों के पास भी गया, जो देह को लेकर बाजार सजाती थी, जो क्लबो मे अर्धनग्न हो नाचती गाती थी, जो रोज वासना के नये नये किरदार निभाती थी, पति से आँखें चुरा गैर मर्द की बाहों मे प्रेम ढूढंती थी, मैंने वो तमाम औरते देखी !! पर मै हैरान था, उनमें कही भी वो चरित्रहीन औरत नही थी, पर वहाँ हर औरत के पीछे.... एक पुरुष जरूर छिपा था कायर, कामुक, वासना की कीचड़ में, सर से पांव तक सना..!! शायद यही था...."वो", जिसने सबसे पहले औरत को "चरित्रहीन" कहा !! क्योंकि अकेले औरत कभी चरित्रहीन नही होती। ©Devil चरित्रहीन 😊