हो सके तो तुम पानी की वो बूंद बन जाओ जो आसमान से गिरती है तो कुछ इस तरह धरती से आ मिलती है जिस तरह कोई परवाना शमा से मिलता है क्योंकि मैं तो पहले ही तुम्हारी विरह में तुमसे मिलन के इंतज़ार में आग सी तपती धरती के समान हो चुकी हूं इसलिए जब तुम बारिश की बूंद बन कर आसमान से मेरी ओर आओगे तब मैं तुम्हे अपने आंचल में हमेशा हमेशा के लिए समेट लूंगी ताकि बरसों से जलती हुईं विरह की अग्नि को वो पानी की एक बूंद ही शांत कर जाए वो बारिश की एक बूंद सा #yqhindi #yqquotes #yqdidi #yqbaba #yqhindishayari #yqthoughts #yqbaarish