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If I were child again पढ़ लिखकर गांव से शहर आ कर

If I were child again पढ़ लिखकर गांव से शहर आ कर  स्कूल की शरारतें नहीं भूला करते 
उम्र बढ़ती जा रही है मगर बचपन के खिलौने नहीं भूला करते 
वो टायर वो माचिस के पत्ते वो झूला और गुड्डे गुड़िया सब याद है 
बचपन के दोस्तों के संग कुछ मीठी कुछ खट्टी यादें नही भूला करते

©कवि- जीतू जान #Childwithin
If I were child again पढ़ लिखकर गांव से शहर आ कर  स्कूल की शरारतें नहीं भूला करते 
उम्र बढ़ती जा रही है मगर बचपन के खिलौने नहीं भूला करते 
वो टायर वो माचिस के पत्ते वो झूला और गुड्डे गुड़िया सब याद है 
बचपन के दोस्तों के संग कुछ मीठी कुछ खट्टी यादें नही भूला करते

©कवि- जीतू जान #Childwithin