फिर एक पुराना किस्सा, एक पुरानी बात लेकर बैठी हूं सोच में उलझन में घिरी बैठी हूं ना जाने कब यह सिलसिला खत्म होगा जब एक साफ सलेट यह दिल होगा पर जो लिखा जाता है एक बार कितना भी मिटाओ निशान छोड़ता है हजार #nishaan#salet