प्रेम कविता मेरी थोड़े ग़म थोड़े ख़ुशी भरी बस उसका हाँथ थामें चल पड़ी ना कोई राह.. ना मंज़िल मिली बस इश्क़ में.. कवि बनीं....... 🎀 Challenge-311 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।