गुनाह बढ़ गया है एक हद तक, अब तो चक्र चलाना होगा। इज्ज़त लुटती चौराहों पर, फ़िर से चीर बढ़ाना होगा। कब तक राह निहारे कान्हा... अब तो तुमको आना होगा।। ✍️भूषण गुनाह बढ़ गया है एक हद तक, अब तो चक्र चलाना होगा। इज्ज़त लुटती चौराहों पर, फ़िर से चीर बढ़ाना होगा। कब तक राह निहारे कान्हा... अब तो तुमको आना होगा।। ✍️भूषण #krashana