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रुख़्सारों पर हिजाब, हया का रहा । झुकी निगाहों



रुख़्सारों पर हिजाब, हया  का  रहा ।
झुकी निगाहों में जमाने का पहरा रहा ।
कैसे कर दूं इज़हार-ए-मोहब्बत,ऐ सनम,
जुंबिश लबों पे आ कर लफ्ज़ ठहरा रहा ।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #हिजाब  Gyanendra Kumar Pandey Umme Habiba वंदना .... Kushal - कुशल 0  Sethi Ji Anshu writer Andy Mann Mili Saha Niaz (Harf)  Rameshkumar Mehra Mehra poonam atrey R K Mishra " सूर्य " Kirti Pandey AMIT RAJPUT  NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) Ashtvinayak Poonam Suyal