नववर्ष में चलो हम आज ले संकल्प कि हम मुरझाए चेहरे पर मुस्कान लाएंगे,हाँ हम बेसहारों का सहारा बनेंगे हाँ इस वर्ष हम कुछ अलग करेंगे। वक्त ने बेवक्त जिन्हें दी है दुख अपार,चलो आज हम उन्हें अपने हिस्से की कुछ खुशियाँ अर्पित करें हाँ चलो हम उन बेसहारों का सहारा बनें,इस वर्ष कुछ अलग करें। नववर्ष का आना खुशियों की सौगात है,पर जरा सोचिए उन बेसहारों के विषय में जिनका हर दिन रो रोकर है गुजरात, चलो इस वर्ष हम नववर्ष उनके साथ मनाएं। नववर्ष हम कुछ इस तरह मनाएं चलो आज हम उनका घर रौशन करें,जिनके हिस्से में ईश्वर ने दी है केवल अँधियारे ही अँधियारे चलो हम अपने हिस्से की खुशियाँ उन निर्धनों को अर्पित करें। ©कुमार संदीप मौलिक, स्वरचित #Happy_new_year_2020