ऐसी क्या वजह हुई क्यूं सच पे उठती है उंगलियाँ उसको छोड़ दो उसके हाल पर यूं ही गिरती नहीं है बिजलियाँ दुनिया का यही हिसाब है जो हुआ नहीं वो ही हो रहा जो सरल है वो गुनहगार है यूं ही होती नहीं है गलतियाँ... ©abhishek trehan 🎀 Challenge-398 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।