जब में याद करता हूं , और जब याद करता हूं । दोनों में कुछ भी फर्क नहीं करता हूं। । जब मैं याद करता हूं............ कवि:- विष्णु शंकर राजाराम नाहेलिया "अज्ञात" ©Vishnu Naheliya #लव #Love #SAD #poem #Nature