सतरंगी आसमाँ हो जावेगा, श्याम रंग में खो जावेगा एक दूजे का चेहरा आज पहेचान न आवेगा कोई लाल तो कोई पीला आज हर रंग में ढल जावेगा आज फिर रास रचाने नटखट कान्हा धरती पर आवेगा तोहे नाचन भी पड़ेगा और झूम झूम मतवालो सो बृज की हो या बरसाने की ,फ़ाल्गुन गीत है बवलों सो आज तोहे ह्रदय मा राधा वास करावन को कान्हा खेरेंगे फिर ते होरी, प्रेम का राग गावन को हर्षित होवेगा मन यदि कलुषित पाप तुम ताजोगे दहन कर होलिका में ,तुम हर मोह से ऊपर आवोगे इस होरी द्वेष नही,श्याम प्रीत रंग बरसावेंगे लाल पीला और गुलाल बस यही रंग लगावेंगे। आशीष शुक्ल कृष्ण आर्या #Happy_holi#kavyapank#splash2020