White सफ़र में कई लोग साथ चलते हैं आगे की मंजिलों के हसीन सफ़र बुनते फिर ।। हकीकत से सामना होता है और हम वो हो जाते हैं जो हम थे जहां से आए थे मंजिल वहीं को मुड़ जाती है सारे दोस्त, मोहब्बत, मां, बाप, परिवार सब पीछे छूट जाते हैं हम ख़्वाब बुनते बुनते अकेले निकल आते हैं फिर कभी न लौट पाने के लिए हरि ॐ क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा पंच तत्व मिलि रचेहु शरीरा 🙏🏻 ©Ram Yadav #sad_quotes आज का विचार #अध्यात्म