आज फिर जिंदगी के कुछ पुराने पन्ने टटोले मैंने मिट्टी से लबरेज़, एक पुराना खत देखा मैंने उमड़ पड़ी यादें इश्क़ की हुई बरसातें फिर अश्कों की खो गया मैं फिर से इश्क़ के उन लम्हों में ज़िंदगी जब खुशियों से लबरेज़ थी ज़िंदगी नमस्ते लेखकों! अप्रैल का महीना कविता लेखन महीना है| इस महीने में आप हमारे साथ कविता लेखन का अभ्यास करे। रोज़ एक कविता लिखने का संकल्प ले, अपनी लेखनी को सुधारे, और हमारे साथ अपनी अनोखी शैली को निखारे। हमारा आज का शब्द है खत | चलिये, एक कदम बढ़ाते है बेहतर लेखनी की ओर।