शांत रस ********* मधुर मीठी तान सुन, विचलित हो चितवन, खोह सी दिल में उठी बैठ जाए तन मन, मन मयुरा !........नाच उठा होके मग्न, प्रेम दीवानी तेरी हुई ओ निर्मोही सजन। अखियां तेरी मोटी मोटी उज्जवल मोती, कमरकस बाकमाल , तुझे सुध बुध खोती, मधुर मिलन की बेला , तड़प ऐसी दिन में होती, तेरी दीवानी मीरा, बंध प्रेमसूत्र, छोड़ महल, बैरागन हो गई। मीठी मुस्कान निकाले जान, करता प्राणों का पुलकाकुल, अधर पे तेरे मुरली साजे, विकसा इच्छा होगा नव दल, लीला तेरी जान सके ना, उनकी तो सुख में विहल, भोली भाली सारी गोपियां, है तेरी अधीन ओ चंचल, शांत हृदय हो जाए , देख सूरत तोहरी निहार, पल में झलक दिखाते हो और पल में हो जाते हो औझल। #czरस