इस जीवन की चादर में, सांसों के ताने बाने हैं, दुख की थोड़ी सी सलवट हैं, सुख के कुछ फूल सुहाने हैं, क्यों सोचे आगे क्या होगा,अब कल के कौन ठिकाने हैं, ऊपर बैठा वो बाज़ीगर, जाने क्या मन में ठाने है, चाहे जितना भी जतन करें, भरने का दामन तारों से, झोली में वो ही आएँगे, जो तेरे नाम के दाने है.. ©Sarvesh Kumar kashyap #Jindagi #Desh_ke_liye #algaw #sangharsh#teradeshmeradesh #Hindumuslimbhaibhai #KashmiriFiles #skk_Pilibhiti