खरगोश और कछुआ काम न आए कोई दुआ। पहाड़ पीठ पर लदा हुआ। कदमों में हिम्मत भरता सा यही सिखाए शांत कछुआ। ऊँचे दर्जे का जब जोश। मत खो देना उसपर होश। अहं ग़रल जो नहीं पिए फिर न बुरा रहे खरगोश। ।।मुक्ता शर्मा ।। #muktamusafirparinde #inspiration #hindi #positivity #poetry #मुक्तामुसाफिरपरिंदे #प्रेरणा #सकारात्मकता #हिन्दी