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प्रेम से अनभिज्ञ उस पुरुष में मैने ही भरी थी चाहत.

प्रेम से अनभिज्ञ उस पुरुष में
मैने ही भरी थी चाहत..
मन से लेकर तन तक
मैंने ही सिखाया था उसे
कि स्त्री प्रेम में क्या चाहती है...
मैने ही तो बताया था उसको कि 
स्त्री प्रेम में
बेवजह I love u सुनती है तो 
खिल उठती हैं सूरजमुखी सी...
मैंने ही बताया था
जब पति की तरह अधिकार जताओ
तो स्त्री खुद को पूर्ण पाती है...
और ये भी कि बच्चों सी जिद करने पर 
प्रेम में पड़ी स्त्री देर तक
अकेले में मुस्कुराती है...
मैंने बताया था उसको कि 
सुरक्षा की भावना,
स्त्री को पुरुष के प्रति
और भी समर्पित बनाती है..
और समय ने करवट ली
आज
 उससे खुश हैं कई स्त्रियां तो,थोड़ा सा पुण्य मुझे भी जायेगा ना....
है ना..?? #चरस_हैं_यादें
प्रेम से अनभिज्ञ उस पुरुष में
मैने ही भरी थी चाहत..
मन से लेकर तन तक
मैंने ही सिखाया था उसे
कि स्त्री प्रेम में क्या चाहती है...
मैने ही तो बताया था उसको कि 
स्त्री प्रेम में
बेवजह I love u सुनती है तो 
खिल उठती हैं सूरजमुखी सी...
मैंने ही बताया था
जब पति की तरह अधिकार जताओ
तो स्त्री खुद को पूर्ण पाती है...
और ये भी कि बच्चों सी जिद करने पर 
प्रेम में पड़ी स्त्री देर तक
अकेले में मुस्कुराती है...
मैंने बताया था उसको कि 
सुरक्षा की भावना,
स्त्री को पुरुष के प्रति
और भी समर्पित बनाती है..
और समय ने करवट ली
आज
 उससे खुश हैं कई स्त्रियां तो,थोड़ा सा पुण्य मुझे भी जायेगा ना....
है ना..?? #चरस_हैं_यादें