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सोचती हूं,,, कि कमी रह गई, शायद कुछ... या जितना थ

सोचती हूं,,,

कि कमी रह गई, शायद कुछ...
या जितना था , वो काफ़ी ना था???

शायद कुछ समझी नहीं, ...!
या जो समझी वो काफ़ी ना था...
     हां
शिक़ायत थी मेरी कि तुम जताते नहीं....
अगर है कुछ तो बताते  नहीं....

आंखों में था तो कुछ अलग-सा, पर समझ नहीं आया.....
या जो समझ आया, वो था नहीं ,,,,!

मेरी आंखों में जो नजर आया तुम्हें...
क्या वो काफ़ी ना था????

***"हां  सोचती हूं... कि कमी रह गई,,**
,या जितना था ,
 वो काफ़ी ना था,,"""
वो काफ़ी ना था..***

©Nehu Dee.kalam "सोचती हूं 🤷..वो काफ़ी ना था!!🤫
सोचती हूं,,,

कि कमी रह गई, शायद कुछ...
या जितना था , वो काफ़ी ना था???

शायद कुछ समझी नहीं, ...!
या जो समझी वो काफ़ी ना था...
     हां
शिक़ायत थी मेरी कि तुम जताते नहीं....
अगर है कुछ तो बताते  नहीं....

आंखों में था तो कुछ अलग-सा, पर समझ नहीं आया.....
या जो समझ आया, वो था नहीं ,,,,!

मेरी आंखों में जो नजर आया तुम्हें...
क्या वो काफ़ी ना था????

***"हां  सोचती हूं... कि कमी रह गई,,**
,या जितना था ,
 वो काफ़ी ना था,,"""
वो काफ़ी ना था..***

©Nehu Dee.kalam "सोचती हूं 🤷..वो काफ़ी ना था!!🤫