Nojoto: Largest Storytelling Platform

तू आँधियों के लश्कर लेकर आ, मैं चराग़ जलाकर लाता ह

तू आँधियों के लश्कर लेकर आ,
मैं चराग़ जलाकर लाता हूँ. 
तू तुफानो को लेकर आ,
मैं मल्लाहों को साथ लाता हूं.
तू काली अँधिआरी रातों को लेकर आ,
में उम्मीद की सुबह लाता हूं
तू जाड़े की सर्द हवाओ को ला,
में सुकून की मखमली धूप लाता हूं
तू कितना भी बांध मेरे परो से मुश्किलों को
में परो से नही  हौसलों से परवाज़ करता हूँ.

(लश्कर:-समूह,फ़ौज)
(परवाज:-उड़ान) #nojoto#poetry#nojotopoetry#poetrycommunity
तू आँधियों के लश्कर लेकर आ,
मैं चराग़ जलाकर लाता हूँ. 
तू तुफानो को लेकर आ,
मैं मल्लाहों को साथ लाता हूं.
तू काली अँधिआरी रातों को लेकर आ,
में उम्मीद की सुबह लाता हूं
तू जाड़े की सर्द हवाओ को ला,
में सुकून की मखमली धूप लाता हूं
तू कितना भी बांध मेरे परो से मुश्किलों को
में परो से नही  हौसलों से परवाज़ करता हूँ.

(लश्कर:-समूह,फ़ौज)
(परवाज:-उड़ान) #nojoto#poetry#nojotopoetry#poetrycommunity
mohanchaure4296

mohan chaure

New Creator