क्या बीती होगी उस बेगुनाह पर जिसे नोच नोच के हैवानो ने खाया , यमराज भी हुए मौन क्या इंसान खुद पे काबू नहीं रख पाया , अब राम तो दिखते ही नहीं दुनिया मे लगे रावण फिर जन्म ले आया , किसी का ऊपर भी बिका है ईमान तभी देवताओ की धरती पर कोई न कोई पाताल का द्रार खोल आया