Virtual सहेलियां मैं और तुम,! Dedicating a #testimonial to ❤महाकाल 🔱 दीवानी❤ नहीं कोई सच में मेरे आसपास मेरी खास सहेलियां, मैं जुड़ गयी हूँ कोरोना काल से और आधुनिकता के दौर में दूर दराज की कुछ गिनी - चुनी सहेलियों से फ़ोन पर,! ना ही हम हमउम्र हैं, ना ही साथ पढ़ी, ना तो तुमने कभी मेरी क्लास में पेन्सिल चुराई, ना ही झूठी चुगली लगाई, ना तो हमने कभी कपड़े share करे, ना ही boyfriend😑😉, हाँ तो ना ही हमने कभी कोई पावरी साथ करी,, और ना ही बचपन बिताया है संग, सिर्फ और सिर्फ पढ़ा है उन्हें और उनके ज़िन्दगी के बदलते रंग,! मैंने पढ़ी हैं उनके शब्दों में मेरी कहानियां, मैंने पाई उनकी कविताओं में मेरी ही ज़ुबानियां, मन से मन जुड़े हैं हमारे, और दिल से दिल,!