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White एक संदूक में ख़त उसके पड़े होते थे! बसर आज़

White एक संदूक में ख़त उसके पड़े होते थे! 
बसर आज़ाद था जब फोन बंधे होते थे! 

बाप आता है जगह ढूँढता है, बैठने को! 
पहले आता था पिसर झट से खड़े होते थे! 

साफ़ दामन थे बहुत मेरी गली के बच्चे! 
इस कदर साफ़ कि मिट्टी से अटे होते थे! 

मेरे अब्बू ने ये बचपन में दिखाया था मुझे! 
जिनपे फ़ल होता था,वो पेड़ झुके होते थे! 

मेरी डिग्री है वहाँ की जहाँ पर हम लोग! 
तख़्तियाँ लिखते थे और टाट बिछे होते थे! 

ना ये फ़िल्टर ना फ्रीजों का तमाशा था "अली
साफ़ पानी था मेरे घर में,घड़े होते थे! 

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©Azeem Khan
  #aliirtaza#kamaal ka kalaam hai bhai🩷🩷🩷🩷🩷🩷jiyo Shawaz_369 Sircastic Saurabh Kajal jha (kaju) R...Ojha PRIYANKA GUPTA(gudiya)