यूं सर-ए-राह मुलाक़ात हुई है, नजरों नजरों में, उसे देखा भी नहीं और बात भी कर ली आंख मिली भी नहीं, नम भी है, आहट हुई और पुकारा नहीं, रात ज़िंदगी से, इत्तेफाक से,मुलाक़ात हुई, लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई, सुर्ख-रू होकर आते हैं,खिलखिला के पास मेरा हज़रते-ए-इश्क़ की,तशरीह करलहे हो जैसे। नमस्ते दोस्तों । हमारा सातवाँ चैलेंज कुछ इस प्रकार है। इस चैलेंज के लिए आपको एक कविता लिखनी है जो की रेत की घडी (hourglass) के आकार की होनी चाहिए । इस चैलेंज के नियम इस प्रकार हैं- -कविता न्यूनतम 6 पंक्ति और अधिकतम 16 पंक्ति की हो सकती है। - आपको यह चैलेंज 24 घंटे के अंदर पूरा करना है। - आप अधिक से अधिक 3 प्रयास कर सकते है। ( 3 entries for one challenge)