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।। श्रीकृष्ण के 4541वें प्राकट्य वर्ष की हृदय से

।। श्रीकृष्ण के 4541वें प्राकट्य वर्ष
 की हृदय से अभिनन्दन ।।

हे मेरें गोविंद माधव ! हे मेरे कान्हा अहो
आज प्रगट हर रूप से हो,दूर सब विपदा हरो
जग जाए पुरुषार्थ सबमें,नाम बस कृष्णा जपो
मिट जाए संताप सबसें, कृष्णा बनो कृष्णा सधो ,

हो जाये हम कृष्ण जैसा देखकर शासन अभी
भागें ना मुश्किल से कोई, चाहें हो प्रशासन सभी
डूब कर रम कर सभी में निराकरण करतें रहों
नाम तेरा हर जबां से,कृष्णा कहों कृष्णा कहों ।।
©बिमल तिवारी "आत्मबोध"
   देवरिया उत्तर प्रदेश #श्रीकृष्णजन्माष्टमी 
#shreekrishnajanmashthami
।। श्रीकृष्ण के 4541वें प्राकट्य वर्ष
 की हृदय से अभिनन्दन ।।

हे मेरें गोविंद माधव ! हे मेरे कान्हा अहो
आज प्रगट हर रूप से हो,दूर सब विपदा हरो
जग जाए पुरुषार्थ सबमें,नाम बस कृष्णा जपो
मिट जाए संताप सबसें, कृष्णा बनो कृष्णा सधो ,

हो जाये हम कृष्ण जैसा देखकर शासन अभी
भागें ना मुश्किल से कोई, चाहें हो प्रशासन सभी
डूब कर रम कर सभी में निराकरण करतें रहों
नाम तेरा हर जबां से,कृष्णा कहों कृष्णा कहों ।।
©बिमल तिवारी "आत्मबोध"
   देवरिया उत्तर प्रदेश #श्रीकृष्णजन्माष्टमी 
#shreekrishnajanmashthami