मैं उन हवाओं सी हूँ, जो एक समय पर आँधी सी चलूँगी, आसमानों में उड़ूँगी, ज़मी को छुऊँगी । फ़िलहाल टकरा चुकीं हूँ, कठोर पहाड़ों से मैं । बिखरी हुयी सी हूँ, मिलेंगी आपस में जब सब लहरे मेरी फ़िर से, वो वक़्त भी आयेगा, फ़िर बन मैं तूफ़ान आऊँगी।। "मैं हवा" "खुली क़िताब 📖" ❤️ #healing__heartt #kanhakiradha